Monday, October 11, 2010

एक फूल चुन के लाया हूँ  मै दिल के गुलशन से,

पत्तिया इसकी मेरे प्यार की रंग हें मेरी धडकन के,
रस भरा इसमें जितना जितनी खूष्बू समाये,
उतनी खुशियाँ  जीवन में सनम आपके आ जाये,
चाहत है  यही आप सदा इसी तरहा खिले,
पल पल रहो में आपकी आशाओ के दीप जले,
ईद सा हो दिन आपका दिवाली सी रात,
मन ये  देता आपको दुआओ की सोगात,
हर कामना जीवन की हो जाये आपकी पुरी,
मेरी तरहा ना रहे अपकी कोई आरजू अधुरी,
वो मिले हर खुशी दिल आपका जिसपे मरता है
आपके लिए इतनी सी दुआ ये ‘दीपक’ करता है ,

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