Monday, October 11, 2010

कहा भी बहुत कुछ कहा भी नही,

बाकी कुछ कहने को अब रहा भी नही,
उसने ही ढुकराया इस दिल को ,
जिसके सिवा दिल ने कुछ चाहा भी नही,
इतनी सी कहानी हैं मेरी मुहब्बत की
जिससे कहा उसने कुछ सुना भी नही,
बेबसी उनकी है, मगर हमारी तो नही,
इस लिए हमने दिल को रोका भी नही,
बार बार कहते रहे वो दूर जाने को ,
वो चले भी गये हमने टोका भी नही,

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