Saturday, February 10, 2018

जब मुस्कुराती है बड़ी प्यारी लगती है

जब मुस्कुराती है बड़ी प्यारी लगती है
तुम्हे देखकर मन की आशाये जगती है
        किस्मत से मिला हमको ये साथ तुम्हारा है
        मन के हर कोने में बस एक नाम तुम्हारा है
        तुमसे ही बंधी मेरे इस जीवन की डोर
        तुम्ही शाम मेरी तुम ही जीवन की भोर
        मेरे मन की हर इच्छा अब तुमपे मरती है
जब मुस्कुराती है बड़ी प्यारी लगती है
तुम्हे देखकर मन की आशाये जगती है
         मेरे सूने से जीवन को बहार किया तुमने
         मै ओट भी न पाया इतना प्यार दिया तुमने
         पत्थर के कमरों को तूने घर बनाया है
         गिरते हुए परिंदे को फिर पर लगाया है
         दो फूलो की क्यारी तेरी ही खुशबू से भरती है
जब मुस्कुराती है बड़ी प्यारी लगती है
तुम्हे देखकर मन की आशाये जगती है
          तेरा मेरा ये बंधन अब जन्मो का नाता है
          तेरे सिवा कोई और नही मुझको भाता है
          तू प्रेम की मूरत है तुझमे जान हमारी है
          तू ही प्राण है मेरे और प्राणों से प्यारी है
          तेरे मन मे प्रेम भरा प्रेम ही बांटा करती है
जब मुस्कुराती है बड़ी प्यारी लगती है
तुम्हे देखकर मन की आशाये जगती है
        
        

1 comment:

  1. ब्लॉग बुलेटिन की आज की बुलेटिन, भूखा बुद्धिजीवी और बेइमान नेता “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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